हरियाणवी लोक-कथा
नहले पे दहला
सेठ घमंडी लाल, अपनी इकलौती पुत्री रत्नप्रभा का विवाह रचा रहे थे। वे मारवाड़ी थे तथा दिसावर करने, असम गए थे। वहाँ से अकूत धन कमा कर लौटे थे। मारवाड़ी थे तो बेटी के लिए मारवाड़ी दूल्हा ही ढूँढना था। अपने बराबर के रईस लाला माणिक चन्द, जो बीकानेर के Read more…