कृप्या ध्यान दे ये कहानी बच्चो के लिये नही है .
हवस की प्यासी आत्मा : भूतिया कहानी
हवस की प्यासी आत्मा : भूतिया कहानी की शुरुआत
एक बड़े और पुराने मकान में जो हवेली के रूप में जानी जाती थी,
वहां पर पिछले कुछ समय से भूतिया घटनाओं की चर्चा हो रही थी।
भूतिया हवेली में रहने वाले लोगों को कहानियां दुनिया भर की चर्चा में आ रही थीं।
इस जगह का राज और रहस्य कुछ लोगों को बहुत रोमांचित करते थे,
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे केवल कल्पना समझते थे।
इस हवेली के बारे में कहीं न कहीं भूतों और आत्माओं से जुड़ी एक कहानी बसी हुई थी।
भगवान दीनदयालु और उनकी पत्नी सुमति जॉनसन ने इस हवेली को किराए पर लेने का निर्णय किया। इन दोनों के एक बेटे और एक बेटी थी।
दीनदयालु एक विचारशील व्यक्ति थे जो संतुलित दिमाग और बड़े सपने देखने वाले थे।
सुमति जॉनसन भावुक स्वभाव की महिला थी, जिसका ख्याल रखने वाला और परिवार के साथ समय बिताने वाला अनूठा अंदाज था।
दोनों मिलकर खुशियों भरे दिन बिताने का विचार कर रहे थे।
भाग 1: भूतिया हवेली के रहस्य का पर्दाफाश
जब दीनदयालु और सुमति ने हवेली में रहना शुरू किया, तभी से अनजाने और भयावह घटनाएं होने लगीं।
सुबह-सुबह बेटे और बेटी को स्कूल भेजने के लिए तैयार होते वक्त, उन्हें आवाज़ें सुनाई देतीं जो भूतों के जैसी लगतीं थीं।
उन्होंने इसे अपने मन में एक कल्पना मान लिया, लेकिन दिन-प्रतिदिन होने वाली घटनाएं उन्हें वाकई घबराने लगीं।
एक रात, जब सभी सो चुके थे, सुमति अचानक उठीं और एक भयानक आवाज़ सुनाई दी।
उसे लगा कि कोई भूत है जो घर के अंदर है।
धीरे-धीरे ध्वनि आती बढ़ती जा रही थी
और उसके मानसिक संतुलन को कायम रखने में उसको कठिनाई हो रही थी।
उसने बेटे को जगाया और उससे पूछा, “तूने भी वह आवाज़ सुनी?” बेटा डरकर नकार दिया, “नहीं, माँ, मैं तो सो रहा था।”
सुमति ने इसे अपनी कल्पना मान लिया और उन्होंने फिर सोने का प्रयास किया।
परन्तु यह कल्पना होने वाली नहीं थी, बल्कि यह असल में हो रहा था।
उन्हें रात भर आत्मा की भयानक सी चीखें सुनाई दीं।
धीरे-धीरे उन्हें लगने लगा कि यह भयानक आवाज़ एक स्त्री की है जो किसी भी भयानक घटना में इस जगह के राज़दारों द्वारा मार दी गई थी।
भाग 2: प्यासी आत्मा की पहचान
एक दिन, भूतिया हवेली के एक पुराने बंद कमरे में दीनदयालु ने एक जरूरी छुट्टी के दौरान गहरे रहस्य का पता लगाया।
वहां एक पुरानी पोटली में कुछ पुरानी खत्म हो चुकी चिट्ठियां थीं।
उन्होंने उन्हें पढ़ना शुरू किया और जाना कि ये एक स्त्री थीं जो भूतिया हवेली में एक पुरानी प्रेम कहानी के कारण आई थीं।
प्यासी आत्मा की प्रेम कहानी:
बड़ी ही खुबसूरत स्त्री थीं प्यासी आत्मा। उनकी आंखों में उत्साह और प्रेम की ज्वाला थी,
और वे हमेशा किसी से प्रेम करने के ख्वाब देखती रहतीं थीं।
एक दिन, उन्होंने इकलौते राजकुमार से मिलने का निर्णय किया।
राजकुमार भी उनसे प्रेम करता था, लेकिन उनके परिवार ने इस सम्बन्ध को स्वीकारने से मना कर दिया।
प्यासी आत्मा और राजकुमार ने राजधानी के बाहर रहने वाली एक छोटी सी गांव में एक छोटे से मंदिर में रहने का निर्णय किया।
उनकी भविष्यवाणी थी कि वह आंख मिचौली खेलने के बाद मिलेंगे।
परन्तु अन्य दिनों में उनकी लाचारता के चलते वे एक दूसरे से दूर हो गए।
अधीनस्थता और सामाजिक दबाव के कारण, राजकुमार ने विवाह कर लिया
और प्यासी आत्मा ने भी उसी की खुशियों को देखते हुए अपनी भाग्यविधाता स्वीकार कर ली।
भाग 3: भूतिया हवेली का सच
प्यासी आत्मा की यह प्रेम कहानी दीनदयालु और सुमति को बहुत रुवांया।
वे समझ गए कि उनके घर में जो भूतिया आत्मा है, वह प्यासी आत्मा की है।
वे यह समझ गए कि यह आत्मा उस दुखी और प्यासी स्त्री की आत्मा है जो अपने प्रेम की कहानी के कारण अभी भी उस घर में बंद है।
दीनदयालु और सुमति को प्यासी आत्मा की दया और करुणा आई।
उन्होंने तुरंत इस मुद्दे को हल करने का निर्णय किया।
उन्होंने एक पुराने विद्वान से सलाह ली और उसके माध्यम से प्यासी आत्मा की आत्मा को शांति देने का प्रयास किया।
भूतिया हवेली के प्रवेशद्वार के पास पूजा स्थल का निर्माण किया गया और प्रेम की प्रतीक्षा में बंद आत्मा को वहां आमंत्रित किया गया।
पूजा के समय, दीनदयालु और सुमति ने प्यासी आत्मा को ध्वजा द्वारा विशेष रूप से बुलाया और उन्होंने उसे शांति देने का संकल्प किया।
समय बीतते ही, उन्होंने महसूस किया कि भूतिया हवेली की वातावरण में शांति आ गई है।
प्यासी आत्मा के रूप में बंद रहने वाली वह आत्मा आखिरकार आत्मिक शांति पा गई।
भाग 4: भूतिया हवेली में नई शुरुआत
भूतिया हवेली में यह सब घटनाएं हुईं तभी की जब प्यासी आत्मा की आत्मा को शांति मिली। इसके बाद से उसे कोई भी भयानक घटना नहीं हुई।
दीनदयालु और सुमति ने भूतिया हवेली को अपना घर बना लिया और वहां खुशियों से भरे दिन बिताने लगे।
उन्होंने उसे एक खिलौने वाले घर का रूप दिया, जिसमें उनके बच्चे खेलते और मस्ती करते थे।
भूतिया हवेली की भूतों के किस्से और राज़ अब सिर्फ कहानियों का हिस्सा बन गए थे।
लोग उसे डरावने नहीं, बल्कि रोमांचक कहानियों से जुड़ा हुआ जगह मानने लगे थे।
इस हवेली का रहस्य और उसमें होने वाली घटनाएं लोगों को हमेशा रोमांचित करती रहीं।
समाप्ति: भूतिया हवेली की कहानी में प्यासी आत्मा की प्रेम कहानी ने भयानक और प्रेरणादायक एक संदेश दिया।
यह बताती है कि प्रेम की ज्वाला हमेशा जीवित रहती है, चाहे वह जीवित दिलों में हो या फिर भूतों के रूप में।
प्रेम और दया से ही हम सभी मिलकर एक खुशहाल और शांतिपूर्ण वातावरण बना सकते हैं।
हवेली के भूतों के रूप में घटनाओं के पीछे असली वजह भी यह थी कि उन्हें आत्मिक शांति नहीं मिली थी।
उन्हें एक अवसर मिला और उन्होंने अपनी आत्मा को शांत कर दिया।
यह कहानी बताती है कि भयानक घटनाओं के पीछे अक्सर आत्मा की प्यास होती है,
और जब उसे शांति मिलती है, तो सभी भयानक घटनाएं खत्म हो जाती हैं।
इस तरह, दीनदयालु, सुमति, और उनके बच्चे भूतिया हवेली में खुशियों भरे जीवन जीने लगे।
उन्होंने भूतों की कहानियों को एक मात्र ख्याल बना लिया
और वहां बिताए गए पलों को अपने जीवन की सबसे यादगार यात्रा बना दिया। –हवस की प्यासी आत्मा : भूतिया कहानी
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